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MDH के मसालों में मिला टाइफाइड वाला बैक्टीरिया? सिंगापुर और हांगकांग के बाद अमेरिका ने लिया एक्शन

पिछले छह महीनों में अमेरिका ने MDH के 31% मसाला शिपमेंट को रिजेक्ट कर दिया जबकि पिछले साल यह 15% था.

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MDH Masala 

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MDH मसाला को लेकर शुरु मामला बढ़ता ही जा रहा है. MDH पर सिंगापुर और हांगकांग में कार्रवाई के बाद भारतीय मसालों पर संकट बढ़ता जा रहा है. भारतीय मसाला निर्माताओं एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ उत्पादों पर लगातार चिंताएं जताई जा रही हैं. सिंगापुर और हांगकांग के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के सीमा शुल्क अधिकारियों ने पिछले छह महीनों में साल्मोनेला संदूषण के कारण महाशियान दी हट्टी (MDH ) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्यात किए गए सभी मसाला-संबंधित शिपमेंट में से 31 प्रतिशत को रिजेक्ट कर दिया है. 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने MDH और Everest मसालों में इस तरह के कीटनाशक के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए जांच शुरु कर दी है. अमेरिका की ओर से अक्टूबर 2020 से MDH की जिन शिपमेंट को मना किया गया, उसका कारण साल्मोनेला बताई जा रही है. यहां आपको बता दें कि साल्मोनेला एक तरह का बैक्टिरिया है. टाइफाइड साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली खतरनाक बीमारी है. टाइफाइड में पीड़ित व्यक्ति के पाचन तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में साल्मोनेला बैक्टिरिया प्रवेश कर जाते हैं. साल्मोनेला बैक्टिरिया जानवरों जैसे अंडा, बीफ, कच्चे मुर्गों और फल-सब्जियों के साथ-साथ मनुष्यों के आंतों में भी पाया जाता है. ये एक ऐसा बैक्टीरिया है, जिसके शरीर में पहुंचने से डायरिया, बुखार जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. 


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सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में एवरेस्ट और MDH के ये मसाले बैन 

सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने MDH और एवरेस्ट दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की लिमिट से ज्यादा मात्रा होने के कारण उन्हें बैन किया था. पहले हांगकांग में MDH के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर पर खतरनाक कीटनाशकों के इस्तेमाल की बात कहते हुए बिक्री पर रोक लगाई गई थी. इसके बाद एवरेस्ट ब्रांड के एक प्रोडक्ट की सेल भी रोक दी गई थी. 


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एमडीएच और एवरेस्ट ने दिया ऐसा जवाब 

इस तरह के आरोपों को एमडीएच और एवेरेस्ट की ओर से निराधार करार दिया गया है. एवरेस्ट ने मंगलवार को कहा कि उसके मसाले उपभोग के लिए सुरक्षित हैं. उसने यह भी कहा कि उसके उत्पादों का निर्यात भारत के मसाला बोर्ड की प्रयोगशालाओं से आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही किया गया था. एमडीएच ने कहा, ''एमडीएच को सिंगापुर और हांगकांग के नियामक अधिकारियों से कोई संचार नहीं मिला है. हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं.'' 

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